CENTRAL LIBRARY : http://rddcbandaelibrary.in/
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प्राचीन काल में व्यक्ति की मृत्यु के साथ ही उसके अनुभव भी समाप्त हो जाते थे, कालान्तर में लिपि एवं छापे खाने के अविश्कार के परिणाम स्वरूप पूर्वजों के अनुभवों, ज्ञान, विज्ञान, दर्षन आदि सभी विचारों को पुस्तकों में संरक्षित रखा जाने लगा, षिक्षा संस्थाओं एवं षिक्षा विदों का कार्य है पूर्वजों के ज्ञान का वर्तमान परिप्रेक्ष्य में मूल्यांकन कर उसका संषोधन, संरक्षण एवं नवीन ज्ञान का सृजन कर साहित्य में वृद्धि करना।
हमारे महाविद्यालय प्रांगण में एक विषाल केन्द्रीय पुस्कालय संचालित है, जिसमें 11019 पुस्तके उपलब्ध हैं। इन पुस्तकों में पाठ्य-ग्रन्थ, सन्दर्भ-ग्रन्थ, षोध-ग्रन्थ, धार्मिक-ग्रन्थ 20, षब्दकोश 05 हिन्दी एवं अग्रेंजी, वार्शिकी 10, जर्नलस 25 एवं इनसाइक्लोपीडिया 16 आदि सम्मलित है, पुस्तकों का कक्षा वार विष्लेशण निम्नवत् है - बी0ए0 में 2652, बी0एस-सी0 1823, बी0काम0 258, बी0एड0 एवं एम0एड0 5574, एम0ए0, एम0एस-सी0 एवं एम0काम0 178 तथा षेश 534 सन्दर्भ ग्रन्थ हैं।
पुस्तकालय में विभिन्न दैनिक समाचार पत्रों के साथ ही मासिक पत्र/पत्रिकायें एवं प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बन्धित साहित्य एवं पत्रिकाऐं उपलब्ध हैं, जोकि महाविद्यालय के प्राध्यापकों के साथ अध्ययनरत विद्यार्थियों को भी स्वाध्याय हेतु निर्गत की जाती हैं।
B.A,B.sc,B.com,B.Hsc,M.A.,M.Com Books
B.ed,M.ed,B.T.C. Books
अध्ययनरत छात्र/छात्राओं, प्रषिक्षणरत छात्राध्यापकों एवं षोधार्थियों के स्वाध्याय हेतु महाविद्यालय भवन में पुस्तकालय से लगा हुआ एक वाचनालय कक्ष संचालित है, जिसमें स्वच्छ पेय जल, वायु एवं प्रकाष की अवाध गति से पूर्ति की समुचित व्यवस्था है। जोकि प्रातः 10 बजे से सायं 4 बजे तक विद्यालय के प्रत्येक कार्य-दिवस पर खुला रहता है। वाचनालय में विभिन्न दैनिक समाचार पत्रों के साथ ही मासिक पत्र/पत्रिकायें एवं प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बन्धित साहित्य एवं पत्रिकाऐं उपलब्ध हैं